सोमवार, अक्तूबर 09, 2006

ब्लागर हाइकु :)

समीर नहीं
अब बदलो नाम
कुंडली किंग


बैंगाणी बंधु
या ब्लागर फैमिली
कहो क्या कहें

व्यंजन सुर
शब्द भाव तड़का
रत्ना रसोई

दिखते नहीं
है कहाँ आजकल
खोजी प्रतिक

लेने दो श्वांस
फुरसतिया भाई
फुरसत से

अमितजी क्यूँ
कोमल दिल फिर
ड्रेगन रूप

जितु चौधरी
बदल गये नाम
जितु जुगाड़ी

कहाँ व्यस्त हो???
कुछ तो बतलाओ
भारतवासी

कम है पढ़े
पर ज्ञानी बहुत
सागरचंद

रुकिये जरा
कुछ कहना चाहे
रचना दीदी

विनय भय्या
सुनो करूण गाथा
सुधारो भूलें

9 टिप्पणियाँ:

Pratik Pandey ने कहा…

बहुत ख़ूब गिरिराज जी, ब्लॉगर हाइकु कमाल के हैं।

rachana ने कहा…

खूब लिखते!
काव्यमय हैं ये तो !!
गिरिराज जी!

संजय बेंगाणी ने कहा…

देने शाबासी
लिखूँ हाइकू मैं भी
पर आए तो.

Jitendra Chaudhary ने कहा…

सुन्दर अति सुन्दर, अरे भाई, इसको तो और आगे बढाना चाहिए।

अभी तो आपने कुछ ही लोगों को कवर किया है, आगे भी लिखिए।

Sagar Chand Nahar ने कहा…

बहुत खूब...
अगली कड़ी का भी
है इन्तजार ।

bhuvnesh sharma ने कहा…

समीरलाल कुंडली किंग तो आप हमारे लिए हाइकु किंग

शैलेश भारतवासी ने कहा…

हम व्यस्त
तुम्हारे हाइकू पढ़ने में
नहीं इच्छुक
तुमसे मिलने में

गिरिराज जोशी ने कहा…

माफ़ि सिंह जी
जो केवल ग्यारह
पकड़े कान

लगे समय
हाइकु लिखने में
अभी हूँ नया

जल्द लाऊँगा
मित्र इस कड़ी का
अगला भाग

ePandit ने कहा…

हम थे लेट
वरना हम पर भी
होता काश एक :(