शनिवार, अक्तूबर 21, 2006

गरीब की दिवाली

आये लक्ष्मीजी
हेलीपेड में बैठ
करो दर्शन


लेकर आया
कोई कार लक्जरी
वो भीख मांग

करे भोजन,
चढ़ाये प्रसाद या
छोड़े फटाखे?

तुम्ही बताओ
मनाये भूखे पेट
कैसे दीवाली?

नहीं रहेगा
फिर भी अंधियारा
मन आसक्त

दो बूँद तेल
पर आपार श्रृद्धा
दीया जलेगा

माँ लक्ष्मी और प्रभू श्री गणेश के चरणों में "कविराज" का शत्-शत् नमन!!!

आप सबको दीपावली की ढ़ेरों शुभकामनाएँ!!!

3 टिप्पणियाँ:

अनूप शुक्ल ने कहा…

करे भोजन,
चढ़ाये प्रसाद या
छोड़े फटाखे?

क्या दुविधा है!

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

आपका यह
हायकू मुझे अच्‍छा
लग रहा है।

आपको इस
दीवाली की हार्दिक
शुभकामनाऐ

Sagar Chand Nahar ने कहा…

करे भोजन,
चढ़ाये प्रसाद या
छोड़े फटाखे?
तुम्ही बताओ
मनाये भूखे पेट
कैसे दीवाली?

तो भैया पहले खाना खा लो बाद में चला लेना पटाखे तो