गेंद व बल्ला
सौ करोड़ मिलके
करते हल्ला
खा रहे देश
मिलकर सांसद
जनता मौन
बनेगी दिल्ली
गरीबो की कीमत
मानो पेरिस
आस में बैठा
निकलेगा सूरज
वो राजस्थानी
(राजस्थान में बाढ़ का आलम है।)
रात अंधेरी
बिकने को तैयार
पैसों से प्यार
गेंद व बल्ला
सौ करोड़ मिलके
करते हल्ला
प्रस्तुतकर्ता गिरिराज जोशी पर 5:45 pm
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